कैसे और कहां से शुरू करें
वास्तविक जीवन में और हमारी कल्पनाओं में बहुत अंतर होता है पर यह अंतर हमारे अंतर्मन को लगातार परेशान करता रहता है हमें सदैव सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए हमारे मन का कार्य है सोचना जबकि हमारा कार्य है सकारात्मक और नकारात्मक विचारों में से सकारात्मक विचारों को चुनना.जीवन में धन मात्र ही महत्वपूर्ण नहीं है परंतु आज के युग में बिना धन के जीवनयापन कर पाना बहुत ही मुश्किल है
धन कमाने के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना आवश्यक है और अच्छा स्वास्थ्य होने के लिए नियमों का पालन करना भी आवश्यक है निम्न बिंदुओं पर विचार करें और अपने जीवन को सफल बनाएं यह कुछ छोटे-छोटे तरीके हैं जिनके जरिए हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं सुखद बना सकते हैं या यूं कहें बिना किसी कष्ट के जीवन को व्यतीत कर सकते हैं व्यतीत ही नहीं बल्कि जी सकते हैं खुलकर आनंद रह सकते हैं
जीवन में यदि वास्तविक सफलता को पाना है तो निम्न नियमों का पालन करें
1. प्रतिदिन हमारे मस्तिष्क में सैकड़ों या यूके हजारों विचार आते हैं और जाते हैं उनमें से कुछ विचार बहुत ही उत्तम और अच्छे होते हैं परंतु हम उन्हें जाने देते हैं हमारा पहला कदम यह होना चाहिए कि हम उन अच्छे विचारों को एक कागज पर लिखना प्रारंभ करें ऐसा करने से हमारा आत्मविश्वास पड़ेगा और मस्तिष्क भी नकारात्मक विचारों से दूर रहेगा
2. सफलता कहीं और नहीं बल्कि हमारे मस्तिष्क के अंदर होती है उसको मस्तिष्क के बाद से बाहर निकाल कर वास्तविकता में बदलना हमारा कर्तव्य है जय हमारी व्यक्तिगत राय है या चुनाव है कि हम सफलता वास्तव में चाहते हैं या नहीं सफलता अपने साथ कुछ नियम और शर्ते लेकर आती है जिसके लिए हमें अधिक सोचना नहीं चाहिए अपने मस्तिष्क का अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए धैर्य तो अवश्य ही रखना पड़ेगा किसी भी कार्य में सफलता प्रथम दिवस में ही नहीं मिल जाती
3. किसी भी कार्य में सफलता प्रथम दिवस में ही नहीं मिल जाती सकारात्मक विचार रखना अच्छी बात है परंतु केवल विचार रखे रहना भी व्यर्थ है यदि हमने कोई कार ही नहीं किया केवल अपने मन में विचार ही रखे रहे तो उन विचारों को वास्तविकता वास्तविकता में कैसे बदला जा सकता है इसके लिए एक महापुरुष ने कहा और उत्तम कहा प्रतिदिन एक नया अवसर होता है इसे खाली नहीं जाने देना चाहिए परिश्रम करते रहना चाहिए निरंतर करते रहना चाहिए लाभ या हानि की चिंता नहीं करनी चाहिए लाभ मिलने में समय लगता है
4. बचपन में हमने सुना था समय बहुत बलवान होता है साथ ही यह भी सुना था किस समय और धन एक समान होते हैं दोनों को कभी खराब नहीं करना चाहिए व्यर्थ बैठे रहना असफलता का प्रथम चरण है आत्मविश्वास की कमी यहीं से प्रारंभ होती है वास्तव में जो लक्ष्य हमें बचपन में दिए गए थे हम उनके बारे में क्या सोचते हैं उन पर कभी सीधे-सीधे कार्य करने में हमें समय लगता है जबकि हमें यह समय नहीं व्यर्थ में बताना चाहिए ऊर्जा का सही उपयोग होना चाहिए
5.
क्या हम अकेले में बैठ कर कभी अपने आप से यह प्रश्न करते हैं कि हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है हम इस जगत में क्यों आए हैं हमारे जीवन का अर्थ क्या है क्या केवल खाना पीना सोना और इस संसार को छोड़कर चले जाना क्या यही हमारे जीवन का लक्ष्य वास्तव में ऐसा नहीं है प्रत्येक मनुष्य को ईश्वर भगवान अल्लाह जो भी आप माने सभी को उस परम ब्रह्म में आस्था रखनी चाहिए और उसके नियमों का पालन करना चाहिए यदि किसी मनुष्य को उसके जीवन का लक्ष्य ही ना पता हो तो वह कैसे सफलता को प्राप्त कर सकता है एक उदाहरण के तौर पर जरा सोचिए कि हम घर से निकले और हमें यह ना पता हो कि हमें जाना कहा है तो हमारी सहायता कौन कर सकता है कोई भी ऑटो ड्राइवर रिक्शावाला यहां तक कि हमारे सगे रिश्तेदार सभी हमसे पूछेंगे और बार-बार यही पूछेंगे कि आखिर आपको कहां जाना है ठीक इसी प्रकार जीवन में हमें हमारे लक्ष्य के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कभी तो हम एक अच्छा कदम उठा सकेंगे
6. फलता को पाने के लिए वर्षों से बल्कि सदियों से अक्षय शरीर अच्छा स्वास्थ्य चाहिए होता है परंतु क्या हम अपने शरीर का वास्तव में ख्याल रखते हैं आज के इस आधुनिक युग में हम व्यर्थ में मोबाइल फोन टीवी सिनेमाघर कंप्यूटर इत्यादि पर अपना समय व्यतीत करते रहते हैं जिसके कारण हमारे मस्तिष्क में नकारात्मक एवं दुष्प्रभाव आने लगते हैं इसलिए हमें सदैव प्रातः काल में अर्थात ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए यदि संभव ना हो तो प्रातः 5:00 बजे तक उठ ही जाना चाहिए
7. छोटा हो या बड़ा सब का सम्मान करना चाहिए एक आदर्श व्यक्ति के अंदर के गुण तो परम आवश्यक है सम्मान देने से ही सम्मान मिलता है हमें अमीर या गरीब देखकर सम्मान नहीं करना चाहिए वास्तव में हम एक दूसरे का सम्मान नहीं बल्कि उसके पैसे रुपए कपड़े गाड़ी घर इत्यादि को देख कर शक्ति का सम्मान करने लगते हैं देखा जाए तो हम स्वयं से ही झूठ बोलते हैं गरीब व्यक्ति को नकारना फटकार ना बहुत ही गलत कार्य है यह हमें सफलता की ओर ले कर जाता है
8. भोजन भी एक बहुत ही महत्व दायित्व अदा करता है हमें आजकल के दिखावटी भोजन को नहीं खाना चाहिए जो कि पैकेट में आता है फिर चाहे वह चाहे हो ब्रैड हो मक्खन हो बिस्कुट हो पिज़्ज़ा बर्गर चाउमीन पाव भाजी पानी के बताशे चीला दोसा या कुछ और हो जब तक मस्तिष्क स्वस्थ नहीं होगा तब तक सब व्यर्थ है मस्तिष्क को अच्छा भोजन चाहिए अच्छा भोजन से यहां पर तात्पर्य है अच्छा खून चाहिए हमारे शरीर में अच्छा खून तभी बनेगा जब हम अच्छा भोजन खाएंगे
9. भविष्य की चिंता करनी नहीं चाहिए केवल चिंतन करना चाहिए जो बीत गया उसको लेकर बैठना भी नहीं चाहिए क्योंकि जो बीत गया वह हमारे हाथ में नहीं भविष्य भी हमारे हाथ में नहीं केवल वर्तमान हमारे हाथों में होता है इसलिए हमें वर्तमान में अपने मस्तिष्क को रखना चाहिए और वर्तमान में आगे बढ़ने के बारे में सोचना चाहिए निरंतर अच्छे कर्म करते रहना चाहिए सफलता तभी मिल सकती है
10. सफलता की एक बहुत महत्वपूर्ण कुंजी के विषय में मैं आपको बता रहा हूं गांधी जी ने कहा था बुरा मत देखो बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो हम इसका मजाक उड़ाते हैं परंतु हम इसकी वास्तविकता को समझ नहीं पाए हैं वास्तव में हम जैसा देखते हैं जैसा सुनते हैं वैसा ही बोलना शुरू कर देते हैं जैसा खाते हैं वैसा ही हमारा व्यवहार आचार बंता शुरू हो जाता है यह एक मानी हुई बात है ऐसे में यदि हम अपने आदतों को बदलने कुछ अच्छा सुने कुछ अच्छा देखें कुछ अच्छा बोले हैं कुछ अच्छा खाएं और फिर देखिए सफलता निश्चित रूप से एक न एक दिन हमारे कदम चूमेगी
उपरोक्त बिंदुओं 1 से 10 तक जो भी कुछ आपको बताया गया है यदि एक व्यक्ति एक सामान्य व्यक्ति इन नियमों का पालन करना शुरू कर दे तो एक ना एक दिन वह अपने लक्ष्य पर आसानी से पहुंच जाएगा और उसे कोई हरा नहीं सकेगा
यदि आपको कोई शंका है तो आप कमेंट करके अपने सवालों का जवाब पा सकते हैं हमें और हमारी टीम को आपका आपके सवालों का इंतजार रहता है हमारी यही कोशिश रहती है कि आपके लिए कुछ अच्छा करें कुछ अच्छा लेकर आएं जिससे आपका और हमारा जीवन अच्छा बने सफल बने धन्यवाद
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